छोरा आई ए एस बनगया र मेरी जिंदगी सफल होगी
छोरा आई ए एस बनगया र मेरी जिंदगी सफल होगी
इस गाम राम ना नाम ऊँच्चा करग्या वो,
बेशक जख्म त मेरा कालजा भरग्या वो
पर,, बेटा तो मेरा ए कुहावेगा, वो दुनिया में जित भी जावेगा
पर के बेरा, मेरे नाम त उसने नीची देखनी पड़े
और माहरी वो बोडिया, उसने घर जाती ए लडे
अक तैने अपने बाप का नाम घासीराम क्यू बताया...?
एक आई ए एस होके भी कुछ समझ नहीं आया
मिस्र्टर जी आर कह देवे अर, आधुनिकता की शय देवे अर
घासीराम नाम तो किसे घसियारे का लागे स
और थोडा धीरे बोल मेरे बालक जागे स
पर इसमे मेरा के कसूर स, यो तो रिश्त्या का दस्तूर स
बेटे गेल्या बाप का नाम जरुर लागेगा,
वो अलग बात स, बेटा छोड़ के भागेगा
पर भागेगा कित,
फैशन के पीछे,शोहरत के पीछे
धन के पीछे, औरत के पीछे
और भागता- भागता एक दिन, इतनी दूर लिकड ज्यागा
के गरीबी आला नूर, उसके चेहरे त झड़ ज्यागा
फेर बन जवेगा आई ए एस , वो अर उसका यश
इस्सा लागेगा जणु खानदानी स
इसका बाप भी कोए अफसर रह्य होगा,
इसने के गरीबी का दुःख सहया होगा
पर कौन जाने इसके अतीत न, उस बाजरे की रोटी अर सीत न
जिसने खा पीके यो स्कूल जाया करता
और फीस खातर बाप इसका कुण्डी ठाया करता
कई ब तो महीने में चार ब करके फीस भरता
पर आजकल तो सब कुछ ल्हूक रहया स
वो दौर जा लिया, यो दौर झुक रहया स
इब ना जाने स्वाद यो बाजरे की रोटी अर सीत का
इब कोए जिक्र ना छेड़ो इसके आगे अतीत का
पाछे सी अक , दिवाली पे घर न आया
अर आके बोल्या ---ठीक स बापू...
पर टूटी होई खाट पर बैठ्या कोन्या
इबके बचपन की तरहिया सीत प एठ्या कोन्या
मैं एक ब उसने देखू अर एक ब उसकी मैडम न
फेर आँख मूँद के पीग्या सरे गम न
और सोच्या, चलो र ले टाबर स
बैठो चाहे खड्या रहो, इसका घर स
और चा बनाके स्टील के गिलासा में घाल दी
मेरा इतना करना था, के मैडम चाल दी
और बेरा न छोरे न अंग्रेजी में के बोली
सुनके उसने फट टेची खोली
अर एक कागच सा लिकाड़ के बोल्या ----
ले बाबु चेक ,,पचास हज़ार का स
मैं तो चालू, मेरा दौरा बाहर का स
इब के आवां, तो काफी प्याइए , चा ना ल्याइए
इस कच्चे ढूंड न बाहर कढवा दिए
और उरे सुणी सी एक कोठी गढवा दिए
तैने पाल पोष के ओड जोड़ करया सु,,
आखिर मेरा भी तो किम्मे फर्ज़ स
वा अलग बात स, आज मैंने ना किसे त गर्ज़ स
और हाँ... पिस्से सारे खर्चने स, ना किसे न भीख दिए
और कोठी के बाहर जी आर भवन लिख दिए
इतना कह के छोरा जा बैठ्या कार में
मैं चेक हाथ में लेके पड़ग्या सोच विचार में
अक जा रे घासीराम ,,,,,तू आज त जी आर हो लिया स
एक आई ए एस का बाप बणन न तैयार हो लिया स
एक आई ए एस का बाप बणन न तैयार हो लिया स ...........
.एक आई ए एस का बाप बणन न तैयार हो लिया स
एक आई ए एस का बाप बणन न तैयार हो लिया स
एक आई ए एस का बाप बणन न तैयार हो लिया स

आप सभी का मेरी blogs पर स्वागत है,, प्लीज़ अपनी नजरे इनायत करके जरुर बताएं की मैं दिल की बात कहने में कहाँ तक सफल हुआ हूँ..| http://bechainkigazleblogspotcom.blogspot.com/2011/09/blog-post_17.html http://bechainkesher.blogspot.com/ http://vmbechain.blogspot.com/?zx=40fa6e9f43ea7230 http://bechainartical.blogspot.com/http://www.youtube.com/my_videos?ls=public
khas log
Wednesday, 29 June 2011
थोडा लेट हो गया मगर के करू,,,,, मजबूरी थी,,,फिर भी लो आपके लिए मेरी मधुशाला से आज के लिए दो पैग
१
के के इलाज करे स, मत पूछो दारू मैया
बीच भवंर में जो स उनकी पार करे नैया
एक पैग में दिल की आग बर्फ सी ठंडी हो जावे
अर ठंडा जिसका खून होरया दारू उसमे गर्मी दोडावे
२
दारू- दारू- दारू- दारू- स मन्त्र बड़ा कल्याणकारी
हर युग में जाप इसका, करते आये स नर नारी
होंठ नहीं शरीर जले स बेशक पीवन आले का
पर सत प्रतिशत ठीक रहवे स दिमाग उस मतवाले का
के के इलाज करे स, मत पूछो दारू मैया
बीच भवंर में जो स उनकी पार करे नैया
एक पैग में दिल की आग बर्फ सी ठंडी हो जावे
अर ठंडा जिसका खून होरया दारू उसमे गर्मी दोडावे
२
दारू- दारू- दारू- दारू- स मन्त्र बड़ा कल्याणकारी
हर युग में जाप इसका, करते आये स नर नारी
होंठ नहीं शरीर जले स बेशक पीवन आले का
पर सत प्रतिशत ठीक रहवे स दिमाग उस मतवाले का
Subscribe to:
Posts (Atom)