khas log

Saturday 28 April 2012

जब म्हारी छोरी ऐ इसकी शक्ल देख कै राजी कोन्या तो म्हारा के साला लागे सै


एक बै एक बटेऊ ससुराड़ चला गया . उडे चौक में उसकी बहु का
दादा लोटा था खाट पै , उसकी बहु भी उडे काम करती हांडे थी /
उसके भीतर बड़ते ही उसकी बहु ने शरमा कै मुह डक लिया /
यो देख कै उसके दादा ने भी चादर तै आपना मुह डक लिया .
एक पड़ोसी देखे था छत पर तै यो माज़रा . वो पड़ोसी बोल्या --
ताऊ बेबे नै तै ठीक पल्ला करा सै , पर तने क्यों यो मुह डक लिया /
बुड्डा बोल्या -- अरे जब म्हारी छोरी ऐ इसकी शक्ल देख कै राजी
कोन्या तो म्हारा के साला लागे सै

जे थाम दोनुवा में तें किसे ने या पूछ ली के या मन्ने जाने है तो में थारे गोली मरवा दूँगा


क बार एक मुक्कदमे में ताई गवाह बना दी ! ताई जा के खड़ी होई अर् दोनू वकील भी ताई के गाम के ऐ थे !
वकील " ताई तू मन्ने जाने है ?
ताई" हाँ तू रामफूल का है ना तेरा बाबु घाना सूधा आदमी था पर तू कत्ति निक्कमा एक नम्बर का झूठा . झूठ बोल बोल के तू लोग ने ठगे है नरे झूठे गवाह बना के तू केस जीते है . तेरे तें तो सारे लोग परेशान हैं तेरी लुगाई भी परेशान हो के तन्ने छोड़ के चली गयी !
वकील चुप फेर पुछया " तू इसने जाने है ?
ताई बोली " हाँ यो सूबे का है इसके बाबु ने नरे रपिये खर्च करके यो पढाया अर् इसने कख नही सिखया सारी उमर चोरिया पचे हंडे गया इसका चक्कर तेरी बहु गेल भी था ! आज ताहि इसने एक भी मुक्कादमा नही जित्या है!
जनता हासन लग गयी जज बोल्या "आर्डर आर्डर "
अर् दोनू वकील बुलाये और कहन लगया " जे थाम दोनुवा में तें किसे ने या पूछ ली के या मन्ने जाने है तो में थारे गोली मरवा दूँगा