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khas log
Thursday, 21 July 2011
एक चुटकला मेरी मैडम का बताया होया सुनो याद आगया
किसे क घर में ब्याह टेक राख्या था,, वहा घणी ए लुगाई आरी थी,, इब एक लुगाई ताऊ कसूते की बहू त बोली ए बेबे यो पीढ़ा दिए दिखा,,,सुनके दूसरी बोली के करेगी ,तो वा लुगाई बोली पीढ़े पे बैठके गीत गाऊँगी,, इब कसूते की बहू बोली ,,,आछ्या तू पीढ़े पर बैठ के गीत गावेगी तो मैं के उरे तेरे खसम न रोवण आरी सूं
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