khas log

Thursday, 14 July 2011

आग तै कल बारह आळी गाडी में चली गई

रमलू के पड़ौस में एक नई बहू आई थी । रमलू हुक्के की चिलम भरण का ओडा (बहाना) ले कै रोज उस घर में चला जाया करता । कुछ दिन पाच्छै बहू आपणै पीहर चली गई, रमलू नै इस बात का बेरा ना था ।

रमलू चिलम ले कै पहुंच ग्या अर इंघे-उंघे नै देख कै बुढ़िया तैं बोल्या - ताई, आग सै ?

ताई बोली - बेटा, आग तै कल बारह आळी गाडी में चली गई !!

बोवोगे बंदूक तो बंदूक जाम्मेगी

एक नया रंग

बोवोगे बंदूक तो बंदूक जाम्मेगी
बात मेरी याद सदा राखियों छोरयो
ईट का जवाब पत्थर गेल मिलेगा
छोटे कानी हाथ ना बाँकियो छोरयो
नशा करे नाश देई और पिस्स्या का
धुम्मा दारू कदे भी ना चाखियो छोरयो
बुढ़ापे तक थारा पक्का साथ देवेगी
बात बड़े-बुढया की हांकियो छोरयो
शेर न सदा ए सवा शेर मिल्या स
भूल के भी एंडी ना पाकिओ छोरयो
इश्क में बेचैन नहीं होणा पड़ेगा
महबूब आगे गप्पे ना हाकियो छोरयो 
                 ---- वी एम् बेचैन, भिवानी
मोबाइल नम्बर 9315373754  9034741834