सरपंच ने ऍम एल ए त धमकाते हुवे कह्य , इब क तेरी उम्मीदा के कमल ज्यादा नहीं खिलेंगे , और तन्ने म्हारे गाँव त वोट केवल 100 मिलेंगे , सुन क नेता जी का दिमाग चकराया और उसने सरपंच त बताया , थारी 2000 की जनसंख्या अर वोट मिलेंगे 100 जबकी म्हारे गाँव की उरे छोरी ब्याह राखी 200, वे छोरी अर उनके घरवाले मेरा कुछ तो ख्याल करेंगे , मेरे हिसाब त मेरे 1000 त उप्पर वोट पड़ेंगे ,सुन क सरपंच मुस्कुराया अर नेता जी त समझाया , बोले नेता जी वोट की गिनती न लेके क्यू दिमाग खराब कर रे सो , थारे गाँव की छोरी और उनके घरवाले तो बी वोट पड़े 400, अब नेता जी मंद मंद मुस्कुराये अर सरपंच त अपने आंकड़े बताये , बोले .......महरे गाँव की छोरी घाट घाट का पानी चाखे स , वे इतनी बेवकूफ नहीं स , जित बी रहवे स पांच पांच यार राखे स

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khas log
Sunday, 26 June 2011
ल्यो भाई ओ संडे के लिए मेरी हरियाणवी मधुशाला से आपके लिए आज के दो पैग
१
आधी पीज्या हवा दारू, आधी मेरे थ्यावे स
सोचो एक पव्वे में आखिर कितनी आवे स
गरीब आदमी का पीना भी, के पीना स भाईओ
दो चार बोतल देके मैंने थोडा पुन्य कमाइओ
२
पैग त पैग भिड़ते टेम एक मीठी सी आवाज़ लिकड़े
नया नया पीवन आल्या उस आवाज़ के साथ बिगड़े
फेर अनपढ़ भी ज्ञान की खूब बात करण लागे
दारू पीवन बाद मानस संसारिक नींद त जागे
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