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Monday 23 April 2012

म्हारे घरां तो या कदे ओल्हा नहीं काद्या करै थी !

एक लड़की ने जब शादी के बाद ससुराल में घूघट निकाला तो उसके भाई से जीजा ने गीला किया कि तुम्हारी बहन तो बड़ी देसी है—घूंघट करती है. भोला भाई बोला—जीजा या तो बीमारी इसकै थारे घरां आ कै लगी सै, म्हारे घरां तो या कदे ओल्हा नहीं काद्या करै थी !

यैं इतनी बड्डी-बड्डी मूछ किस दिन काम अवैंगी. डबो-डबो कै चूसा दे !

एक बूढ़े के पास अपने दूध-मुहें बच्चे को छोड़ कर एक बहू खेत चली गयी. बच्चा रोने लगा. एक बोला—इसनै किमे चा-चूह प्यादे. बूढा बोला—न्यूँ क्युकर? एक बोला—यैं इतनी बड्डी-बड्डी मूछ किस दिन काम अवैंगी. डबो-डबो कै चूसा दे !

तीसरा आप्पे कर ले

एक गुरु और उसका चेला कुटिया में सोने की तय्यारी कर रहे थे. गुरु बोला—चेले झांकी बंद करदे, हवा आ रही सै. चेला बोला—गुरु जी चादर ओढ़ ले हवा नहीं लागैगी. गुरु बोला—अच्छा दीवा बुझा दे. चेला बोला—गुरु जी आंख मीच ले तेरे लेखै अँधेरा होगया. झल्लाया गुरु बोला—अच्छा तो कुवाड भेड़ ले. चेला बोला—देख गुरु जी दो काम मन्नै कर दिये, तीसरा आप्पे कर ले 

चढाई क्यां खातर थी ?



एक मंदिर के आगे घंटियाँ बज रही थी. फूल चढ़ाये जा रहे थे. धूप-बत्ती की जा रही थी. भजन कीर्तन चल रहा था. एक चौधरी पास से गुज़रा तो बोला—रै यूं के खाडा कर राख्या सै? जवाब मिला—आरती तारण लाघ रे सै. चौधरी लठ ठोक के चलते हुए बोला—तारणी ऐ थी तो चढाई क्यां खातर थी .

मैं तेरा ऐ तो मरद सूं चोर का तो नहीं .

एक घर में चोर घुस ग्या. बर्तन खटकने का शोर हुआ. बीवी बोली—उठ ले घर मैं चोर बड रह्या सै. शौहर लेटा रहा. फिर खटपट हुई. बीवी ने फिर कहा-- हाए उठ नै देख नै. शौहर बोला—मैं क्यूं उठूँ , तू उठ ले. बीवी बोली—हाए तू मर्द सै. शौहर बोला—मैं तेरा ऐ तो मरद सूं चोर का तो नहीं .

ठीक सै तो मैं भी तम्नै गिलास मैं थूके बिना पांणी प्याय करूँगा.

एक चौधरी को चपरासी की नौकरी मिल गयी. उसके दफ्तर वाले उसको देहाती समझ के अच्छा सलूक नहीं करते थे, एक दिन उन्होंने अपनी गलती का एहसास किया और उसको कहने लगे—सुन भाई चौधरी हम आगे तै तेरे साथ अच्छा वर्तावा करैंगे. चौधरी बोला—ठीक सै तो मैं भी तम्नै गिलास मैं थूके बिना पांणी प्याय करूँगा.

विधवा तो वा आप होज्यागी.

एक सत्तर साल के बूढे का मन हरसाया
किसे विधवा ते शादी कर ल्यु ' अपने दोस्त ते फरमाया
सुन के दोस्त बोल्या शादी के बाद तेरी जिंदगी फ्लाप होज्यागी
तू शादी किसे क्वारी ते ऐ करिये विधवा तो वा आप होज्यागी.

तलाक देण का कारण

सरदार जी ने
अपनी पत्नी ते तलाक देण का कारण
 यो बताया था
बोल्या यार मैं तो उसके करक्टर ते तंग आया था
क्यू के
वा मेरे प्यार ने
 खूंटी पे टंग्या करती
उसने ब्या तो मेरे ते करया
अर टाबर
भगवान ते मंग्या करती

टा आदमी मोटा आदमी मोटा आदमी

मोटा आदमी जद भी मुँह खोलेगा
देख लियो सच बोलेगा
क्यू के वो चालक होवे स '
सचाई त्याग नही सकता
आर कडवे बोल बोलके किसे न ओरा की ज्यूँ
भाग नही सकता .

वीरवार के लिए मेरी हरियाणवी दारुशाला से आपके लिए आज के दो पैग



कांपते हाथा त जिसने कदे भी बोतल ली नही
होठा प क जीभ फेर के जिसने दारू पी नहीं
हाथ जोडके साकी आगे जो बेवकूफ खड्या होगा
कदे नहीं उसके जीवन में झोका मस्ती का बड्या होगा

गीता अर रामायण जो बचपन त पढ़ते आ रे स
मंदिर- मस्जिद- गुरूद्वारे की सीढ़ी चढ़ते जा रे स
स्यांने-सप्टे मोड्या की जिन न सेवा खूब करी
उन लोग के कष्ट काटन दारू की बोतल धरी

बाप बेटे की जब त बिगड़ी



न्यू तो टाइम पास हो रह्या स
पर थोड़ा सा नाश हो रह्या स

दोस्त शक के घेरे में आग्या
दुश्मन कुछ ख़ास हो रह्या स

नई रिश्तेदारी टूटेगी शायद 
कसूता ए मिठास हो रह्या स  

बाप बेटे की जब त बिगड़ी
परम्पर त बनवास हो रह्य स

लवर की नही खा मां की सूं
तेरे प कम विश्वास हो रह्य स

अनजान हादसा सोच बेचैन
थोडा सा मन उदास हो रह्या स

फफेड दयूंगा

धरके एडी बहम थारे सब उखेड दयूंगा
मतन्या एंडी पाको ना तो फफेड दयूंगा

लाल मिर्च सा लडूंगा तीखा मैं बैरीया क
मन भिर्डा के छत्ते न जब भी छेड़ दयूंगा

ज्ञान घणा सा झाडेगा जो कोए बढ़कर
उसकी अक्ल के दरवाजे मैं भेड़ दयूंगा 

कितणी ए खिलाफत करलो मेरे बारे में
एक दिन करी कराई पै पाणी गेड दयूंगा

कुछ वक्त की यात्ता होई कुछ माडे हालात
कद सोची थी बेचैन दिल में तरेड दयूंगा

आज चुप थोड़े रहूँगा


मौका लाग्या सै आज चुप थोड़े रहूँगा
चाहे हो किसे कै खाज चुप थोड़े रहूँगा

मन की भडास सारी ए लिकाड़ दयूंगा
चाहे बुरा मानो समाज चुप थोड़े रहूँगा

अच्छे और बुरे की सब समझ आवे स
मैं भी खाऊं सूं अनाज चुप थोड़े रहूँगा

पैरां त पैदल सूं मगर दिमाग त नही
जब खुलग्या सै राज़ चुप थोड़े रहूँगा

मेरी शराफत उननै कमजोरी लागे सै
बणना पड़ेगा बेल्याज़ चुप थोड़े रहूँगा
क्यूकर जतावेगा वो अहसान मदद का
मैंने दे राख्या सै ब्याज चुप थोड़े रहूँगा

बेशक देर सवेर करूं दुश्मना का बेचैन
करके छोड़ना सै इलाज़ चुप थोड़े रहूँगा

देके हजार रपिये किराया जोश में रह ल्यांगे


देके हजार रपिये किराया जोश में रह ल्यांगे
उसके दिल में ना रहे तो पडोस में रह ल्यांगे

मिल्या करेगी नजर फेर रोजाना आपस में
वा बात नही करेगी तो हम रोष में रह ल्यांगे

जद तै सुणी बाप उसका थानेदार बणग्या सै
कदे भीतर करवा दे थोडा होश में रह ल्यांगे

वा पूरा डोसा खाग्गी तो के जी लिकडग्या माहरा
वा राज्जी रहियो हम तो सोस में रह ल्यांगे

होज्यागी रिश्तेदारी फेर गली के सब छोर्या तै
थारा जीजा लाग्गू सूँ इस धोंस में रह ल्यांगे


दे देगा अपणे सारे सोड-सोडिये बेचैन उसनै
जाड़े की भरी रात में भी ओंस में रह ल्यांगे

दिल कभी ले लिए सस्ते रेट दयूंगा


ओरिजनल नही फोटो स्टेट दयूंगा
दिल कभी ले लिए सस्ते रेट दयूंगा

शाहजहाँ नै तो बस ताज ए दिया था
तू मर मेरे खातिर इंडिया गेट दयूंगा

शक नही करूंगा तेरी किसी बात पै
बेझिझक बोल झूठ सब लपेट दयूंगा

दो घड़ी तो बैठ तू मेरे पास कभी
बहम तेरे मैं सब के सब मेट दयूंगा

आवण दे इबके वेलेनटाइन डे बेचैन
तैने गिफ्ट में हरियाणा स्टेट दयूंगा