khas log

Friday 15 July 2011

मे री ते नशे में देही पाटी जा सै…

एक बान्दर एक बान्दरी से बोल्या मैं हुक्का पी आऊं । बान्दरी बोल्ली जा पिया। वह हुक्का पियण चला गया तो वहां चार पांच आदमी बैठे थे और उन्होने चिलम झाड राखी थी। बन्दर जा कर उस चिलम के ऊपर बैठ गया । चिलम में बिरहड बैठी थी वा उसकै लड गई। बन्दर तो वहां से उछलता हुआ बान्दरी के पास आया……..... .बान्दरी बोल्ली हुक्का पी आया…….?
बांदर बोल्या……हु क्का के पिया……..मे री ते नशे में देही पाटी जा सै…

चाइनीज काटडी

राकेश खूंढ़े की चाह की दूकान फेल होगी | तो उहने महम आले मेले में २०-२५ काटडी बाँध ली बेचन खातर |
जीतू मान-- आं भाई काटडी कितने की दी ?
राकेश खूंढा -- ५०० रापियाँ की |
जीतू मान -- इन्नी सस्ती क्यूकर ?
राकेश खूंढा--- चाइनीज सें |आड़े तो रिंगा के दिखा दयुन्गा अर जा घरां जा कें भोंसन्न लागी तो गारंटी ना स |