माहरी बोली न भाषा बणा दयो एक ब आप हुड्डा जी
फेर कट जावेंगे हरियाणे के पाप हुड्डा जी..............माहरी बोली न .........
राजस्थानी गुजराती अर पंजाबी न देखो थम
कर रे सारे खूब तरक्की भाषा आल्ला लेके बम
माहरी तोप बरगी बोली थमने कित त लागे स या कम
माहरी छाती उप्पर त ठा दयो यो सांप हुड्डा जी ,,,,,,,,,,,फेर कट जावेंगे हरियाणे के पाप---
माहरी बोली भाषा बनगी तो फेर खूब जिस्सा आज्यागा
बिखरा होया सारा साहित्य एक ए जगह पाज्यागा
दुनिया भर में हरियाने का बच्चा-बच्चा छाज्यागा
हाँ चाँद तेई का ले दयांगे हम नाप हुड्डा जी----------फेर कट जावेंगे-----------------
जब--जब आया एक नवम्बर तब तब बांधी हमने आस
शायद हुड्डा जी कर देवे बोली खातर किम्मे ख़ास
हाय रे किस्मत सारया की न्यू ए अटक रही स साँस
माहरी अटकी सांस का कर दयो कोए जाप हुड्डा जी.........फेर कट जावेंगे हरियाणे के -----
युगां-युगां तक सीएम जी थारा नाम अमर हो जावेगा
भाषा आल्ला तुर्रा जिस दिन सिर तेरे बंध जावेगा
दुनिया भर में हरियाने का नाम चमकता पावेगा
भाषा बणन की ला दयो एक ब थाप हुड्डा जी------------
फेर कट जावेंगे हरियाणे के पाप हुड्डा जी..............माहरी बोली न .........
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