khas log

Tuesday, 13 September 2011

जुदाई के बाद तडफावेंगे,मुलाकात के ये दिन




बहुत घणे याद आवेंगे मुलाकात के ये दिन
दिल में घा कर जावेंगे मुलाकात के ये दिन

यार प्यार महबूब, सारे ए तो कट्ठे होरे स
किसने नही सुहावेंगे,मुलाकात के ये दिन
गाम राम का बेरा नही, प्यार करणिया न
जुदाई के बाद तडफावेंगे,मुलाकात के ये दिन
आज सबके मन में योहे डर बैठ रह्या स
फेर कद दर्श दिखावेंगे मुलाकात के ये दिन
इतनी गहराई त महबूब न महसूस ना कर
धडकना में समा जावेंगे मुलाकात के ये दिन
मेरे पहल्यां ए जंचे थी बेचैन हो जावांगे
मन का चैन उड़ावेंगे मुलाकात के ये दिन
 

No comments: