khas log

Saturday, 21 April 2012

इतणी पीवैंगे जब ताईं श्यामी आले तीन पेड छह ना दिखण लाग जां

एक बै लिलू अर धारा आहते मै बैठे पीण लाग रे
लिलू - भाई धारे आज तै इतणी पीवैंगे जब ताईं श्यामी आले तीन पेड छह ना दिखण लाग जां
आहते आला आया अर बोल्या - अरै कमिनों, श्यामी एक ए पेड सै, ईब के य्हाडै जंगल बणाओगे...?

No comments: