khas log

Saturday 8 December 2012

बंद कर दी सै तेरी फाइल तू ऐसी तैसी करवा



ल्यों हमनै बदल लिया स्टाइल तू ऐसी तैसी करवा
बंद कर दी सै तेरी फाइल तू ऐसी तैसी करवा

तैने हर वक्त ऑनलाइन कोए और ए दिक्खेगा
ले आया सिम्पल सा मोबाइल तू ऐसी तैसी करवा

किसे का भी बंधन नही इब रहूँगा मालिक मर्जी का
मैं दयूंगा हरेक नै स्माइल तू ऐसी तैसी करवा

अपना प्यार ढूंढण आई तो फिसल के पड ज्यागी
बिछवा दी सै दिल पै टाइल तू ऐसी तैसी करवा

शक्ल के साथ अक्ल भी बेचैन चकाचक करली सै
बेशक देख मेरा प्रोफाइल तू ऐसी तैसी करवा

2 comments:

अन्तर सोहिल said...

वाह!
मजेदार रचना

प्रणाम स्वीकार करें

अन्तर सोहिल said...

आदरणीय
हो सके तो कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन को डिसेबल कर दें, टिप्पणी करने में परेशानी होती है और इसकी कोई जरुरत भी नहीं है।