khas log

Monday 27 June 2011

धर्मात्मा

अपने धर्मात्मा होने की उसने या बात बताई
बोल्या मैंने कल रात एक भिखारी की जान बचाई
क्योकि मैं इक भिखारी ते बोल्या
तन्ने हजार का नोट दयूं तो के सुधर जावेगा
तो भिखारी बोल्या हजार का नोट आया बाद तो यो खुशी ते मर जावेगा
फेर उसने धर्मात्मा होण की निति अपनाई
अर भिखारी ते नोट न देके उसकी जान बचाई

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