khas log

Monday 27 June 2011

रस्सी आ फांसी खानी स.

मेरे इक दोस्त ने फरमाया ससुराल जाके यार मैं तो बहुत तंग आया
सारा खाली पेट रह्या कब खाना आवे रात दस बजे तक वेट रह्या
आख़िर देर रात साली ने रहम आया uसने आके फरमाया जीजा जी
थारे खातर कोए सेवा फ्र्माऊ के न्यू बताओ थारे खातरकुछ
खान् ने ल्याऊ के
इब खाना मांग के मैंने के बेजती करवानी स
मैंने भी कह दिया हाँ ले रस्सी आ फांसी खानी स.

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