khas log

Thursday 21 July 2011

दोस्तों आप लोगो को याद हो कई साल पहले अमेरिकी रास्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत आये थे,, वे जब भारत आये तो उस फाग था,, याद दिला दू की जनाब दिल्ली आये और वह

हम बात देखते रहे ना हरियाने में आया
बैरी क्लिंटन न जाके जयपुर गुलाल उड़ाया
माहरा गोबर और कीचड़ धरा धराया रहग्या
ग्रीस गेल्या कला तेल दो मिनट में बह्ग्या
रंग कई ढाल के धर राखे थे
कोरडे तैयार कर राखे थे
पर हाथ त लिकडग्या,,, जाके दिल्ली बढग्या
नहीं तो बता देवा अर,,,, फाग हरियाने का चखा देवा अर
ठाके होदी में गेर देते,, थापी कोरडे के मन्त्र फेर देते
क्लिंटन न जीस्सा आ जाता ,, अगर भांग आल्ली कुल्फी खा जाता
व्याइट हॉउस भूल जावे अर , ज माहरे गाम में घूम आवे अर
अमेरिका बाट देखता,, ठा-ठा के न टांट देखता
माहरा रास्ट्रपति कोन्या आया,, देश का पति कोन्या आया
पर उनने के बेरा क्लिंटन न कित धूणा ला राख्या स
इबके उसने हरियाणे का फाग चाख्या स
कोरडे ज्यादा लागगे होंगे,,, साथ आवनिये भागगे होंगे
इब किसने बेरा बिचारा हरियाने में ही फस रह्य स
वो तो फाग आल्ले दिन त गार में धंस रह्य स
पर इसमें उसका के कसूर स
यो तो हरियाने का दस्तूर स
ठाके नाली में फेंक देवे स
क्लिंटन हो चाहे भाती,, लठा का चेक देवे स
सारी देई न लांबी कर देवे स
अर मार मार कोरडे पेटा सा भर देवे स
और फेर कहवे स होली स भाई होली स बुरा ना मनो होली स

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