khas log

Saturday, 23 July 2011

पीकर शराब आज एक गजल लिखी है

पीकर शराब आज एक गजल लिखी है
मैंने खराब आज एक गजल लिखी है
जाने क्या गुजरेगी बागवां पर यारो
तोड़, गुलाब आज एक गजल लिखी है
आसमा के चाँद को रखकर के आँखों में
जमी के, महताब आज एक गजल लिखी है
गर बुरा न मानो तो तुमको लेकर मैंने
मेरे जनाब आज एक गजल लिखी है
वो बेचैन को कभी तो चैन देगी ही
लेकर ख्वाब आज एक गजल लिखी है

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