पीकर शराब आज एक गजल लिखी है
मैंने खराब आज एक गजल लिखी है
जाने क्या गुजरेगी बागवां पर यारो
तोड़, गुलाब आज एक गजल लिखी है
आसमा के चाँद को रखकर के आँखों में
जमी के, महताब आज एक गजल लिखी है
गर बुरा न मानो तो तुमको लेकर मैंने
मेरे जनाब आज एक गजल लिखी है
वो बेचैन को कभी तो चैन देगी ही
लेकर ख्वाब आज एक गजल लिखी है
No comments:
Post a Comment