जवानी का समन्दर पार नहीं होता
आदमी को जब तक प्यार नहीं होता
पूछ लीजिये बेशक किसी से जाकर
जिंदगी का कोई एतबार नहीं होता
इश्क नहीं इसको हम बहम कहेंगे
रु-ब-रु जब तक इकरार नही होता
अहसास ने माना तो बन गया रिश्ता
रिश्तो का वरना कोई आकार नहीं होता
रिन्द जिसे कहते हो रोजाना पीता है
हफ्तों में पीने वाला मयख्वार नही होता
इश्क से परहेज़ करने वालो याद रखना
बिना दिल दिए खुदा का दीदार नही होता
बात दिल की छुपानी जायज़ है बेचैन
पर्दा करने से इंसां शर्मसार नही होता
आदमी को जब तक प्यार नहीं होता
पूछ लीजिये बेशक किसी से जाकर
जिंदगी का कोई एतबार नहीं होता
इश्क नहीं इसको हम बहम कहेंगे
रु-ब-रु जब तक इकरार नही होता
अहसास ने माना तो बन गया रिश्ता
रिश्तो का वरना कोई आकार नहीं होता
रिन्द जिसे कहते हो रोजाना पीता है
हफ्तों में पीने वाला मयख्वार नही होता
इश्क से परहेज़ करने वालो याद रखना
बिना दिल दिए खुदा का दीदार नही होता
बात दिल की छुपानी जायज़ है बेचैन
पर्दा करने से इंसां शर्मसार नही होता
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