स्वर्ग में सुखदेव बोल्या भगत सिंह त
आज्या-आप्पा नीच्चे चाल के भारत में फेर त जन्म लेवां.|
और सबते पहल्या पाकिस्तान न कश्मीर देवां....|
यो आजकाल किम्मे घणा एंडी पाक रह्या स
बात बात पर ओकात त बाहर झाँक रह्या स
ल्या गिलानी के वारें न्यारे कर देवां
तले चालके इसके दो चार धर देवां
सुनके भगत सिंह पहलया तो हांस्या अर फेर खास्या
और बोल्या----
भाई सुखदेव बात तो तेरी सही स
पर भारत में इब पहल्या बरगी बात नही स
उस टेम भारत स्वर्ग था, तो आज एकदम नर्क स
पहल्या में अर आज में दिन रात का फर्क स
पहलया तो किते किते गदार होया करते
जयचंद बरगे लाखां में दो चार होया करते
पर आज तैने हर घर में गदार दिखा दयूंगा
बेशक चाल निच्चे, देश लूटनिया की कतार दिखा दयूंगा
बाड़ खेत न खाती, अपणी आंखां त देख लिए
भारत मां की घायल छाती अपणी आंखां त देख लिए
इब भगत सिंह और सुखदेव नीचे आ गए
और गलती त अयोध्या उतरगे
वहां कुछ मुसलमान भाई बैठे बतलाण लाग रे थे
एक दुसरे को याहे बात समझाण लाग रे थे
अयोध्या में मन्दिर बन जावे तो माहरा रोज़गार सवंर जावे
क्यूकी हिन्दुओ के तेतीस करोड़ देवी देवता बतावे स
और ये श्रद्धा के मारे सब प कुछ न कुछ चढ़ावे स
या फेर न्यू कहवा
के देश में रोज़गार न मन्दिर ए तो बढ़ावे स
पर माहरे मुसलमान भाईया का जुगाड़ इसा नही स
तेतीस करोड़ देवता धोंक दे इतना पिस्सा नही स
यो क्लेश तो हिन्दू ए काट सके स
श्रद्धा का मारया यो सोने का लड्डू बाँट सके स
अर सोचन की बात स
जद अयोध्या में सोने के लड्डू बंटेंगे
फेर रंग तो वहां रहनिया के छटेंगे
सुण के सुखदेव भगत सिंह हैरान होगे
मंत्रीया की बात याद कर कर के परेशान होगे
अयोध्या मसले पर इनने बवाल मचा राख्या स
अर सारा देश एक टांग प नचा राख्या स
पर कोए अह्योध्य में जाके देखे , मामला ए कुछ और स
मन्दिर बनवान का नारा मुसलमानों में पुरजोर स
सोचते सोचते सुखदेव भगत सिंह की आँख भर आई
अर फेर पकड़ ली उन नै सरहद की राही
वहां कुछ नौजवान बैठे बतलाण लाग रे थे
एक दूजे को या ये बात समझाण लाग रे थे
सरहद प जिस दिन बेरोज़गारी मिट ज्यागी
आंतकवाद की फोज़ अपने आप पिट ज्यागी
भगत सिंह बरगे कारनामे हम बी कर सका सां
गरीबी अर बेकारी मिट जावे तो देश प मर सका सां
नौजवान की बात सुनके भगत सिंह और सुखदेव चुपचाप चल पड़े
और संसद भवन में पहुचगे
वहां कुछ मंत्री बतलाण लाग रे थे
एक दुसरे न याहे समझाण लाग रे थे
बहुत मेहनत करके दिल्ली तक पहुंचे सां
वो लोग पागल स जो हमने कहवे टुच्चे सां ]
मंत्री बनते टेम आँख चार होज्या स
कुर्सी के चक्कर में आत्मा तक बीमार होज्या स
आज एमसी बनने में बी पसीने आवें स
संसद भवन के गलियारे सबने थोड़े थ्यावे स
इतने में एक नया मंत्री बोल्या इसमे तो कोए शक नही स
पर हम जो घोटाले करां सा, के वो बिलकुल सही स ,,?
सुनके बाकि के मंत्री पहलया तो सकपकाए
फेर आँख मार के एक दूजे की और मुस्कुराये
अर बोले
इसमें माहरा कोए कसूर कोन्या
आज के दिन जनता न ए सूर कोन्या
जनता में जब तक फूट रह्वेगी
देश लूटण की छुट रह्वेगी
जनता के जब तक एक विचार नही होवेंगे
देश का माल मंत्री न्यू ए ढोवेंगे
सुण के भगत सिंह सुखदेव न सोची
मंत्री मटे बात तो ठीक कहवे स
आज भारत मां की आँख त आंसू
जनता की बदौलत बहवे स
पर या बात जनता तक पहूंचावे कौण...?
एक एक आदमी न जाके समझावे कोण...?
पार्टी बाज़ी अर जात पात जब तक जिंदा रखोगे
भारत मां न दुनिया में न्यू ए शर्मिंदा रखोगे .............भारत मां न दुनिया में न्यू ए शर्मिंदा रखोगे .............भारत मां न दुनिया में न्यू ए शर्मिंदा रखोगे .............भारत मां न दुनिया में न्यू ए शर्मिंदा रखोगे .............भारत मां न दुनिया में न्यू ए शर्मिंदा रखोगे .............भारत मां न दुनिया में न्यू ए शर्मिंदा रखोगे .............
3 comments:
Gazab sahab gazab.........
thnx bhai arihant
very gud bahut achha
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