एक बै लिलू अर धारा आहते मै बैठे पीण लाग रे
लिलू - भाई धारे आज तै इतणी पीवैंगे जब ताईं श्यामी आले तीन पेड छह ना दिखण लाग जां
आहते आला आया अर बोल्या - अरै कमिनों, श्यामी एक ए पेड सै, ईब के य्हाडै जंगल बणाओगे...?
लिलू - भाई धारे आज तै इतणी पीवैंगे जब ताईं श्यामी आले तीन पेड छह ना दिखण लाग जां
आहते आला आया अर बोल्या - अरै कमिनों, श्यामी एक ए पेड सै, ईब के य्हाडै जंगल बणाओगे...?
1 comment:
mr. bechain well done as a reader and as a friend.
i love ur thoughts.
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