khas log

Sunday 20 May 2012

तेरे पै एक हाथ तै ताली बजाण दोष सै

मैं अकेला बता क्यूकर कसूरवार होया
ऐसी तैसी दोनों की हुई तो प्यार होया

तेरे ना यकीन आवे तो के ज्यान दे दूं
तेरी जुदाई में मेरे कितणा बुखार होया

वो नींदा में भी कुछ कुछ बड़बड़ावे सै
चालू अर झूठा जिसका दिलदार होया

मैंने तो सपने में भी हवालात दिखे सै
तेरा बाप जिस दिन तै थानेदार होया

ब्याह के बाद भी हाथ पैर चलाणे पड़ेंगे
कोर्ट मैरिज होगी तो ना सोच पार होया

कोए देख ना ले मैंने आंख्या में बस्या
शायद तू आजकल न्यू चश्मेदार होया

तेरे पै एक हाथ तै ताली बजाण दोष सै
जद ए बेचैन तू बेरुखी का शिकार होया

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