khas log

Tuesday, 26 July 2011

क्वांरे भाई ओ की और से शादी के मामले में एक हरियाणवी शर्त जो मेरे बाबु की धोती धोवे ,, उसते ब्याह करूंगा


जो स्यानी काटती ना रोवे,, उसते ब्याह करूंगा
जो बाजरे की रोटी पावे,, उसते ब्याह करूंगा
जींस पहरन आल्ली त, मैंने सख्त अलर्जी स
जो सूट पहर के दिल न मोहवे,, उसते ब्याह करूंगा
वा धोवण में तो धो देगी, मेरे कपड़े फेर भी भाईओ
जो मेरे बाबु की धोती धोवे ,, उसते ब्याह करूंगा
सर पे चढ्गी तो थप्पड़ मार-मार उतारूंगा
जो पिटा-छित्या ना रोवे ,, उसते ब्याह करूंगा
घरवाली की डांट में भी प्यार छुप्या बेचैन
जो सही बात पे गुस्सा होवे ,, उसते ब्याह करूंगा

2 comments:

Pradeep Sheoran said...

mujhe bhi aise hi bahu chaeye

Pradeep Sheoran said...

mujhe bhi aise bahu chaeye