जो स्यानी काटती ना रोवे,, उसते ब्याह करूंगा
जो बाजरे की रोटी पावे,, उसते ब्याह करूंगा
जींस पहरन आल्ली त, मैंने सख्त अलर्जी स
जो सूट पहर के दिल न मोहवे,, उसते ब्याह करूंगा
वा धोवण में तो धो देगी, मेरे कपड़े फेर भी भाईओ
जो मेरे बाबु की धोती धोवे ,, उसते ब्याह करूंगा
सर पे चढ्गी तो थप्पड़ मार-मार उतारूंगा
जो पिटा-छित्या ना रोवे ,, उसते ब्याह करूंगा
घरवाली की डांट में भी प्यार छुप्या बेचैन
जो सही बात पे गुस्सा होवे ,, उसते ब्याह करूंगा
2 comments:
mujhe bhi aise hi bahu chaeye
mujhe bhi aise bahu chaeye
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