khas log

Monday 8 August 2011

दर्द दुनिया भर का लेके मर जाऊ


सबके नाम का मैं ए दुखी पा ल्यू
सोचू सूं गम त ब्याह रचा ल्यू
भूल त भी किसे क, ना आवे आंसू
समन्दर न अपनी पलका प बिठा ल्यू
दर्द दुनिया भर का लेके मर जाऊ
बाकिया न तंग पावण त बचा ल्यू
शोहरत तो शायद ना लेण देवेंगे लोग
बदनामी का ए इलज़ाम उठा ल्यू
बोलके बेचैन हाल पूछे स दोस्त
इस जुमले प जी भर के मुस्कुरा ल्यू

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