khas log

Friday, 14 June 2013

आदमी की सबसे बड़ी हिम्मत उसकी लुगाई हो सै


छोटी छोटी बात पै बेशक कितनी ए लड़ाई हो सै
आदमी की सबसे बड़ी हिम्मत उसकी लुगाई हो सै

पत्थर की भी छाती चीर दे सच में तारे तोड़ ल्यावे
अगर मेहनतकश की सच्ची हौसला अफजाई हो सै

किसे की हाय लागै प्यार में तो सदा याद राखियो
नजर उतारण की खातिर बस नूण और राई हो सै

उस हरामी धन का के कमीनेपण तै कोए जोड़ ले
असली दौलत तो अपणे दस नूआं की कमाई हो सै

रिश्तेदारी हो या महोब्बत पल्ले गांठ मार लियो
सच्चाई की झूठ बोलण तै ना कदे भरपाई हो सै

अपनापण दिखावे तो बेटे तै भी बढके दिखा दे
कमीनेपण पै आवे तो खतरनाक जमाई हो सै

जब तक जिन्दा रहवैगी माँ बाप नै भूलती कोन्या
बेचैन झूठ कहवे सै लोग बेटी तो पराई हो सै

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